अगले वर्ष संभव है ब्याज दरों में कटौती, वर्ष 2024 में कर्ज के सस्ता होने की संभावना

रेपो रेट से ही होम लोन आटो लोन व दूसरे बैंकिंग लोन की दरों को तय करने के लिए आधार बनाया जाता है। जब रेपो रेट बढ़ाए जाते हैं तो उक्त लोन महंगे हो जाते हैं और जब इनमें कटौती की जाती है तो ये सस्ते हो जाते हैं। पिछले साल महंगाई को देखते हुए आरबीआइ ने रेपो रेट को चार फीसद से बढ़ा कर 6.50 फीसद कर दिया था।

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