लोकसभा ने त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक को पारित कर दिया है जिससे हर साल आठ लाख प्रशिक्षित पेशेवर तैयार होंगे। यह विश्वविद्यालय सहकारिता क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा। गुजरात में स्थित परिसर से पूरे देश की सहकारी संस्थाओं को जोड़ा जाएगा। विश्वविद्यालय में डिग्री डिप्लोमा और पीएचडी कोर्स उपलब्ध होंगे जिससे सहकारी क्षेत्र को प्रशिक्षित युवा मिलेंगे।
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