मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपिक) नंबरों में पिछले 25 सालों से चली आ रही गडबड़ी अगले तीन महीने में दुरुस्त हो जाएगी। जल्द ही इसे लेकर संबंधित राज्यों में अभियान शुरू होगा। चुनाव आयोग ने कहा कि राज्यों में एक जैसे ईपिक नंबरों का यह आवंटन वर्ष 2000 में किया गया था। हालांकि इससे किसी भी मतदाता की भौगोलिक पहचान प्रभावित होती है।
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