भारतीय न्यायालयों में 5.29 करोड़ मामले लंबित हैं जिनमें से अधिकांश जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में हैं। उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में भी बड़ी संख्या में मामले लंबित हैं। लंबित मामलों को कम करने के लिए उच्च न्यायालयों और जिला न्यायालयों में बकाया समितियां बनाई गई हैं। सरकार न्यायाधीशों की नियुक्ति और फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना जैसे कदम उठा रही है।
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