बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के दौरान नाम काटे जाने के आरोपों की पोल खुल गई है। राजनीतिक दलों ने नाम हटवाने के लिए 119 आपत्तियां कीं जबकि जुड़वाने के लिए केवल 25। आम मतदाताओं ने लगभग तीन लाख आपत्तियां दर्ज कराईं जिनमें ढाई लाख नाम हटवाने के लिए थीं।
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