कोर्ट ने कहा कि वन अधिनियम की धारा 4 के तहत अधिसूचित किसी भी भूमि पर कब्जा प्राप्त करने का अधिकार केवल आदिवासी समुदायों और अन्य वनवासी समुदायों तक ही सीमित नहीं है बल्कि ये अधिकार निवास मूल कब्जे की तारीख आदि के प्रमाण पर भी आधारित है। कोर्ट ने फैसले में कहा कि वन समुदायों में केवल मान्यता प्राप्त आदिवासी और अन्य पिछड़े समुदायों के लोग शामिल नहीं हैं।
from Jagran Hindi News - news:national https://ift.tt/QtmRTvZ
from Jagran Hindi News - news:national https://ift.tt/QtmRTvZ
Comments
Post a Comment