राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बताया कि भारत ने अपने लोगों आर्थिकी और समाज की जरूरतों और आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए पूरे विश्व के लिए अपनी जलवायु वार्ता को आगे बढ़ाने का विकल्प चुना है। बता दें कार्बन बजट ग्रीनहाउस गैसों की वह मात्रा है जिसे ग्लोबल वार्मिंग के निश्चित स्तर के लिए उत्सर्जित किया जा सकता है।
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