सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रेलवे सुरक्षा बल (RPF) कर्मियों को कर्मचारी मुआवजा अधिनियम 1923 के तहत कामगार माना जा सकता है और वे ड्यूटी के दौरान लगी चोट के लिए मुआवजे का दावा कर सकते हैं भले ही यह (आरपीएफ) केंद्र सरकार का एक सशस्त्र बल है। बता दें जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने RPSF की ओर से दायर अपील खारिज कर दी।
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