देश में कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र और राज्यों ने 2020 और 2021 में लॉकडाउन लगाया था जिससे आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ रोजगार भी प्रभावित हुआ था। आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 तक पिछले पांच वित्तीय वर्षों में ईएफपीओ द्वारा जोड़े गए कुल नए सदस्य 2018-19 के पूर्व कोरोना स्तर तक नहीं पहुंचे थे।
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