देश के शीर्ष न्यायालय ने एक फैसले के दौरान अहम टिप्पणी की। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि आपराधिक मुकदमे में स्वयं को बचाना और कानूनी सहायता प्राप्त करना अभियुक्त का मौलिक अधिकार है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि अगर अभियुक्त को प्रभावी कानूनी सहायता नहीं मुहैया कराई जाती है तो उसे अनुच्छेद 21 में मिले मौलिक अधिकार का उल्लंघन होता है।
from Jagran Hindi News - news:national https://ift.tt/auz2qnH
from Jagran Hindi News - news:national https://ift.tt/auz2qnH
Comments
Post a Comment