केंद्र सरकार सार्वजनिक परिवहन के ढांचे को दुरुस्त करने के लिए ज्यादा से ज्यादा जोर मेट्रो सेवाओं का दायरा बढ़ाने पर लगा रही है। अगले पांच साल के विजन के तौर पर मेट्रो को 31 शहरों तक ले जाने की तैयारी है। अभी यह संख्या 21 है। मेट्रो का विकल्प महंगा होने के बावजूद भविष्य की जरूरतों को देखते हुए इसे स्थायी और भरोसेमंद रास्ता माना जा रहा है।
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